तेरा रूप सलोना सांवरिया। मेरे मन को भा गया सांवरिया। मैं तुझे सजाऊ सांवरिया। तुझ संग ले जाऊं सांवरिया। कि तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम। कि तु भी लीले पे, घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।
खाटू वाला श्याम जब मेरे घर आएगा। दिल मेरा सांवरे फूला न समाएगा। दरवाजे पर बंदनवार दूंगा मैं बंधवा। इतर की बौछारें कर करके गलियों को दूं महका। नजर ना लग जाए लग जाए, शीशा है मंगवाया। सांवरे शीशे को शीशे को, आज तड़प दे आ।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।
ऐसा सजाऊ जैसे पहले ना सजा हो। ऐसे रिझाऊं जिसमें तेरी रजा हो। की जूही गेंदे का गुलाब का, कमल का फूल मंगाऊं। सांवरे तेरे लिए मैं इन सब से, एक हर बनाऊं। तेरा सिंगार करूं इजहार करूं, तुझे पल पल याद करूं। सांवरे ऐसे ना ऐसे ना, मित्तल के दिल को दुखा। कि तू भी लीले पे घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तू भी लीले पे घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तू भी लीले पे घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।
हाथ जोड़ करता हूं विनती है तुमसे। साथ कभी ना छोड़ो अर्जी है तुमसे। दर पे तुम्हारे बाबा आते रहे हम। दर्शन वात्सल्य का पाए रहे हम। सुना है सुनते हो भक्तों की, हर अर्जी बाबा। कि अर्ज गुजारी है घर आने की, तेरी मर्जी है बाबा। मैं न हारुगा पुकारूंगा बस तेरा ही नाम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तू भी लीले पे घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।तेरह पेडी में,पेडी में चढ़ के आया श्याम।तू भी लीले पे घोड़े पे, चढ़ के आजा श्याम।