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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam padharya mhare Gaon lyrics,छोड़ सिंहासन अपने गढ़ का श्याम पधारया म्हारे गांव,shyam bhajan

म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव। छोड़ सिंहासन अपने गढ़ का ,श्याम पधारया म्हारे गांव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।

म्हारी एक मनुहार पे बाबो , दौड़यो दौड़यो आयो हैं। सारे जग के आगे बाबो ,म्हारो मान बढ़ायो है।म्हारी एक मनुहार पे बाबो , दौड़यो दौड़यो आयो हैं। सारे जग के आगे बाबो ,म्हारो मान बढ़ायो है। म्हारो  घर भी मंदिर बन गयो,श्याम धरया जो अपना पांव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।

थारे आने से महकी है, मन बगिया की फुलवारी।थारे हर एहसान पर बाबा, जावे सोनू बलिहारी।थारे आने से महकी है, मन बगिया की फुलवारी।थारे हर एहसान पर बाबा, जावे सोनू बलिहारी। थरे दरस के मरहम से ही, भर गया म्हारा मन का घाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।

म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव। छोड़ सिंहासन अपने गढ़ का ,श्याम पधारया म्हारे गांव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।म्हारे मन की पीड़ ना समझी, समझया म्हारा मन का भाव।

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