माथे पे रख लेंन अपना, ठुमको गौर लगाबा। चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।
बेसर बिंदी झुमका कावली, पायल छन छन छनके। घना सजीला रनू बाई आवा, सुंदर मुखड़ा दमके। नजराबेली बेटी सुंदर, काजल टपकी लगावा।चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।
नवरंग लाडी चमचम साड़ी, चली बड़ी पूजन ने। सांसों माही पिया जी प्यारा, चुड़लों खनखन खनके। बड़ी ढाका पंडित जी का, आशीर्वाद लेई आवा।चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।
रनू बाई धनियार जी की जोड़ी,सारा जग से न्यारी। मां काकूती बार हरीश यो, दरसा करने न्यारी। झालरिया देई देई सब नाचा, गीत निमाड़ी गावा।चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।
चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।चैत सुहावन आयो नि मांडवा, चलो गणगौर मनावा।चलो गणगौर मनावा।