तर्ज, मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी-कभी
जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया। जब भी गमों ने घेरा, मेरा यार बनके आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।
भटका जो राहों से तो, राहे मुझे दिखाए। गिरने लगा जो झट से, पकड़ी मेरी कलाई।भटका जो राहों से तो, राहे मुझे दिखाए। गिरने लगा जो झट से, पकड़ी मेरी कलाई। जब भी फंसा भंवर में, पतवार बन के आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।
दुनिया की दोस्ती तो, केवल है एक दिखावा। तू मेरा है यह कह कर, करते हैं बस छलावा।दुनिया की दोस्ती तो, केवल है एक दिखावा। तू मेरा है यह कह कर, करते हैं बस छलावा। इस झूठे जग के अंदर, रखवाल बनकर आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।
जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया। जब भी गमों ने घेरा, मेरा यार बनके आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।जब भी पड़ी जरूरत, हर बार है ये आया।