धन धन है खाटू की नगरी जहां बिराजे श्याम।धन धन है खाटू की नगरी जहां बिराजे श्याम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।
शीश का दानी वेद का ज्ञानी अजब ये इसकी शान है।इस कलयुग में देव निराला,हम भक्तों की जान है।शीश का दानी वेद का ज्ञानी अजब ये इसकी शान है।इस कलयुग में देव निराला,हम भक्तों की जान है।मतलब कि इस दुनियां में एक सच्चा मेरा श्याम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।
रिंगस से निशान उठा जो, श्याम शरण में जाता है। बिन मांगे ही श्याम धनी से, झोली भर ले आता है।रिंगस से निशान उठा जो, श्याम शरण में जाता है। बिन मांगे ही श्याम धनी से, झोली भर ले आता है। हर पल रखता खबर यह सब की, मेरा बाबा श्याम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।
धन दौलत ना देखे यह तो, देखे भगत के भाव है। सच्ची भक्ति करता जो भी, पार कर यह नाव है।धन दौलत ना देखे यह तो, देखे भगत के भाव है। सच्ची भक्ति करता जो भी, पार कर यह नाव है। हारे का है एक सहारा मेरा बाबा श्याम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।
धन धन है खाटू की नगरी जहां बिराजे श्याम।धन धन है खाटू की नगरी जहां बिराजे श्याम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।तीन बाण का धारी ये तो,जाने जगत तमाम।