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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Mahakal ki chhaya me,मेरा जीवन गुजर रहा है महाकाल की छाया में,shiv bhajan

मैं क्यों भटकू इस माया में।मैं क्यों भटकू इस माया में।मैं क्यों भटकू इस माया में।मैं क्यों भटकू इस माया में। मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया मेंमेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।

हार जब भी दुनिया से, मैं पास तेरे आया। हाथ रखकर बाबा तूने, पलट दी मेरी का।हार जब भी दुनिया से, मैं पास तेरे आया। हाथ रखकर बाबा तूने, पलट दी मेरी का। भूला जब भी बाबा तुझको, मेरा मन पछताया। जब भी याद किया मैं तुझको, मेरा मन हरसाया। एक फूल गुलाब के लाया में, फूल गुलाब का लाया में।एक फूल गुलाब के लाया में, फूल गुलाब का लाया में। मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।

जाने कितने जन्म लिए हैं, पाने खातिर तुझको। देकर दर्शन बाबा अब तो, मुक्ति दे दे मुझको। बिन सोचे तू देता मैंने, तारीफ सुनी है तेरी। तेरी जगह चरणों में अब तो बारी है मेरी। मेरे दिल को सुकून बड़ा पाया,में दिल को सुकून बड़ा पाया।मेरे दिल को सुकून बड़ा पाया,में दिल को सुकून बड़ा पाया।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।

मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।मेरा जीवन गुजर रहा है ,महाकाल की छाया में।

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