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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Braj Mein Barse Prem Ko Rang lyrics,आयो फागुन को त्यौहार बिरज में बरसे प्रेम को रंग,krishna bhajan

आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।बरसे प्रेम को रंग बिरज में बरसे प्रेम को रंग।बरसे प्रेम को रंग बिरज में बरसे प्रेम को रंग। बजे शंख और बाजे ढोल,बिरज में बरसे प्रेम को रंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।

राधा कृष्ण होली खेले, रार मचत है भारी। रंग अबीरा खूब उड़ावे मारे भर पिचकारी।राधा कृष्ण होली खेले, रार मचत है भारी। रंग अबीरा खूब उड़ावे मारे भर पिचकारी। ग्वाल बाल सब नाच रहे हैं मन में उठे उमंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।

रास रंग की छटा निराली, देखो बरसत जाए। ठुमक ठुमक सब नाच रहे हैं ताल से ताल मिलाए।रास रंग की छटा निराली, देखो बरसत जाए। ठुमक ठुमक सब नाच रहे हैं ताल से ताल मिलाए। कहीं नहीं पाया वह गाजी, ऐसो मिले आनंद।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।

राधा कृष्ण रास रचावे झूमें दुनिया सारी। जुगल जोड़ी सरकार पे जाऊं मैं तो बारी बारी।राधा कृष्ण रास रचावे झूमें दुनिया सारी। जुगल जोड़ी सरकार पे जाऊं मैं तो बारी बारी। सजा रहे सारा वृंदावन बहती रहे तरंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।

आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।बरसे प्रेम को रंग बिरज में बरसे प्रेम को रंग।बरसे प्रेम को रंग बिरज में बरसे प्रेम को रंग। बजे शंख और बाजे ढोल,बिरज में बरसे प्रेम को रंग।आयो फागुन को त्यौहार, बिरज में बरसे प्रेम को रंग।

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