तर्ज, नदिया चले चले
जो भक्त चले रिंग्स से खाटू ,उस पर चले तुम्हारा जादू, तेरी जय हो बाबा,तेरी जय हो बाबा।जो भक्त चले रिंग्स से खाटू ,उस पर चले तुम्हारा जादू, तेरी जय हो बाबा,तेरी जय हो बाबा।
खाटू में फागुन का मेला लगा है। मंदिर में अमृत बरसने लगा है।खाटू में फागुन का मेला लगा है। मंदिर में अमृत बरसने लगा है। फूलों से बाबा को खूब सजाया ,बाबा ने खाटू को स्वर्ग बनाया।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।
ढोल नगाड़े भी बजने लगे हैं। हाथों में लेकर निशान सब चले हैं।ढोल नगाड़े भी बजने लगे हैं। हाथों में लेकर निशान सब चले हैं। नारों की गूंजो से धरती भी झूमे। भक्तों का मनडा भी अंबर को चूमे।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।
फागण के मेले निशान निराले। हारे के साथी हैं बाबा हमारे।फागण के मेले निशान निराले। हारे के साथी हैं बाबा हमारे। जिसने भी पैदल अर्जी लगाई। सरल कहे उसकी होती सुनाई।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।तेरी जय हो बाबा।
जो भक्त चले रिंग्स से खाटू ,उस पर चले तुम्हारा जादू, तेरी जय हो बाबा,तेरी जय हो बाबा।जो भक्त चले रिंग्स से खाटू ,उस पर चले तुम्हारा जादू, तेरी जय हो बाबा,तेरी जय हो बाबा।