नशा चढ़ा था पिछले साल का, फिर वह मौका आ गया।फिर वह मौका आ गया।फिर वह मौका आ गया। फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।
फागण में मेरा सांवरिया, कुछ ऐसा रंग दिखाता है। जो आने को तरसते हैं ,उनको पहले बुलवाता है।फागण में मेरा सांवरिया, कुछ ऐसा रंग दिखाता है। जो आने को तरसते हैं ,उनको पहले बुलवाता है। फिर वह गाए गली-गली, बाबा से मिलकर आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।
इंतजार रहता है सबको, फागण में दीदार का। एक झलक दिख जाए मुझको ,सांवरिया सरकार का।इंतजार रहता है सबको, फागण में दीदार का। एक झलक दिख जाए मुझको ,सांवरिया सरकार का। चंदा जैसा श्याम सलोना, सबके मन को भा गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।
लेकर के निशान हाथ, रिंग्स से खाटू जाएंगे। जय श्री श्याम जय श्री श्याम, जय श्री श्याम ही गायेंगे।लेकर के निशान हाथ, रिंग्स से खाटू जाएंगे। जय श्री श्याम जय श्री श्याम, जय श्री श्याम ही गायेंगे। श्याम रंग में रंगने का यह, मौसम फिर से आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।
रस की मोर छड़ी सांवरिया, जब जब भी लहराता है। गूंगा गाए भजन दौड़कर, लंगड़ा खाटू आता है।रस की मोर छड़ी सांवरिया, जब जब भी लहराता है। गूंगा गाए भजन दौड़कर, लंगड़ा खाटू आता है। कोई ना खाली जाए सब पर, माल लूटाने आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।
नशा चढ़ा था पिछले साल का, फिर वह मौका आ गया।फिर वह मौका आ गया।फिर वह मौका आ गया। फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।फिर से फिर से फिर से फिर से, फिर से फागण आ गया।