फेरू आ गई होली की रामझोल, खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम। बेगा चालो बाबा की रि पोल,खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम। खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।
श्याम धनी को जगत में, बहुत बडो परिवार। खाटू पति की ठाट ने जान सब संसार। देवे श्याम की हाजिरी, राजा रंक फकीर। श्याम गदाधारी सदा हरे भगत की पीड। फागण मेंलो ऐसे सो अनमोल,खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।
हर बाड़ी हर भवन से ,श्वर लहरी रही कुक। यो मौको फिर ना मिले, भर ले निर्गुण हुक। आवे जो कोई भाव से, तो निश्चय कर माल। झलक मिले श्री श्याम की, भली करे भगवान। ए मुख से तू कड़वा बोल ना बोल,खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।
श्याम नाम को आसरो ,श्याम धनी की ओट। जिन लिंनही वो तर गया, धूप गया मन का खोट। श्याम बहादुर श्याम की, करें सदा मनूहार। चर्चा करियो श्याम की, श्याम कर भाव पार। अरे बावलिया मन की आंखयां खोल,खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।
फेरू आ गई होली की रामझोल, खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम। बेगा चालो बाबा की रि पोल,खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम। खाटू में रौनक, चौगुणी जी बाबा श्याम।