ओम जय शंकर हरी ओम।ओम जय शंकर हरी ओम।ओम जय शंकर हरी ओम।ओम जय शंकर हरी ओम।
इस दुनिया के हर सुख दुख को, बस एक जोड़ी है तारती। जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।
प्रेम बाट इस जग को शिव, गोरा ने ही तो सिखाया था। अपमान भोले का हुआ तो, मां ने खुद को जलाया था।प्रेम बाट इस जग को शिव, गोरा ने ही तो सिखाया था। अपमान भोले का हुआ तो, मां ने खुद को जलाया था। काट के दक्ष की गर्दन को,भोले ने उस पे क्रोध किया।खुद वीराने बैठ गए और अपना सब सुख छोड़ दिया। फिर जन्म लिया मां पार्वती ने, अपना वचन निभाया था। कर के विवाह शिवरात्रि को, शिव को अपना बनाया था। मेरे भोलेनाथ की जय हो, पार्वती शिवनाथ की जय हो।
इस दुनिया के हर सुख दुख को, बस एक जोड़ी है तारती। जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।जितने भोले भोलेनाथ है, उतनी सुंदर पार्वती।