बाबा तेरे कीर्तन की मर्यादा निपटी जाए।बाबा तेरे कीर्तन की मर्यादा निपटी जाए। तेरे नाम की आड़ में सारे, अपना काम बनाए।बाबा तेरे कीर्तन की।
साज सजावट मेला खो, खर्चा खूब लगाया। और भजन भी गाने के खातिर, नाम भी बड़ा बुलाया।साज सजावट मेला खो, खर्चा खूब लगाया। और भजन भी गाने के खातिर, नाम भी बड़ा बुलाया। तेरी ज्योत का घी पर बाबा, शुद्ध ना मंगवाये।तेरे नाम की आड़ में सारे, अपना काम बनाए।बाबा तेरे कीर्तन की।
कुछ तो ऐसे हैं चौखट पर, नशे में फिरते आते है। पान मसाला डाले मुंह में, भजन वह तेरे गाते हैं।कुछ तो ऐसे हैं चौखट पर, नशे में फिरते आते है। पान मसाला डाले मुंह में, भजन वह तेरे गाते हैं। आदत अपनी दर पर भी वह छोड़ नहीं है पाए।तेरे नाम की आड़ में सारे, अपना काम बनाए।बाबा तेरे कीर्तन की।
मोन क्यों बैठा है बाबा तूं, जान कर सच यह सारा। क्या दिल कभी नहीं दुखता है ,बोलो श्याम तुम्हारा।मोन क्यों बैठा है बाबा तूं, जान कर सच यह सारा। क्या दिल कभी नहीं दुखता है ,बोलो श्याम तुम्हारा। सचिन श्याम अपने भक्तों से, फेर कर मुंह ना जाए।तेरे नाम की आड़ में सारे, अपना काम बनाए।बाबा तेरे कीर्तन की।
बाबा तेरे कीर्तन की मर्यादा निपटी जाए।बाबा तेरे कीर्तन की मर्यादा निपटी जाए। तेरे नाम की आड़ में सारे, अपना काम बनाए।बाबा तेरे कीर्तन की।