आज हमारे आंगन सुख के धाम आए हैं। मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं। राजा राम आए हैं श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।
वरमाला ले हाथ में सीता, मन ही मन शरमाय रही है। अपने प्राण प्रियतम के दरस को, व्याकुल हो ललचाए रही है।वरमाला ले हाथ में सीता, मन ही मन शरमाय रही है। अपने प्राण प्रियतम के दरस को, व्याकुल हो ललचाए रही है। जनम जनम के पुण्य हमारे काम आए हैं।जनम जनम के पुण्य हमारे काम आए हैं।जनम जनम के पुण्य हमारे काम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।
कल तक जिस आंगन में खेली, आज पराया होना है। कुछ तो नया पाना है लेकिन, कुछ तो अपना खोना है।कल तक जिस आंगन में खेली, आज पराया होना है। कुछ तो नया पाना है लेकिन, कुछ तो अपना खोना है। किसने यह दस्तूर बनाया, और नारी का भाग्य लिखा। अगले ही पल में हंसना है फिर, अगले ही पल रोना है। जनक लली का हाथ, जनक जी थाम आए हैं।जनक लली का हाथ, जनक जी थाम आए हैं।जनक लली का हाथ, जनक जी थाम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।
मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।मेरी जानकी को ब्याहने श्री राम आए हैं।