भक्तों ने मिलजुलकर कीर्तन कराया है ।बस कमी आपकी आप आ जाइए। सालासर के पुजारीयों ने बाबा तुमको बुलाया है।बस कमी आपकी आप आ जाइए।बस कमी आपकी आप आ जाइए।
लटके फूलों की लड़ियां दरबार में, महके इत्र की खुशबू दरबार में।लटके फूलों की लड़ियां दरबार में, महके इत्र की खुशबू दरबार में। जगमग जगमग जोत जली, लगती कितनी भली भली।बस कमी आपकी आप आ जाइए।बस कमी आपकी आप आ जाइए।
पलके सब की बिछी है तेरी राह में। तरसे प्रेमी तुम्हारे तेरी चाह में।पलके सब की बिछी है तेरी राह में। तरसे प्रेमी तुम्हारे तेरी चाह में। धिनक धिनक ढोलक बोले अमृत रस मुरली घोले।बस कमी आपकी आप आ जाइए।बस कमी आपकी आप आ जाइए।
भक्तों ने मिलजुलकर कीर्तन कराया है ।बस कमी आपकी आप आ जाइए। सालासर के पुजारीयों ने बाबा तुमको बुलाया है।बस कमी आपकी आप आ जाइए।बस कमी आपकी आप आ जाइए।