Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Hukum sarkar ka manna padega by kanhaiya mittal, हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा,shyam bhajan

हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा। जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा।हुकुम सरकार का।

कागज की पतंग हम डोर उनके हाथ में। दिन में नचाए या नचाए हमें  रात में।कागज की पतंग हम डोर उनके हाथ में। दिन में नचाए या नचाए हमें  रात में। चरणों में शीश को झुकाना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा।हुकुम सरकार का।

नाश्ते हम इनके आगे ईनकी मेहरबानी है। इनके आगे नाचते टाटा अंबानी है।नाश्ते हम इनके आगे ईनकी मेहरबानी है। इनके आगे नाचते टाटा अंबानी है। झोलियां पसार के मांगना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा।हुकुम सरकार का।

बनवारी रात दिन हमको नाचाये जा। बाजरी ख्वाये जा हाजिरी लगवाये जा।बनवारी रात दिन हमको नाचाये जा। बाजरी ख्वाये जा हाजिरी लगवाये जा। गिर ना जाऊं सांवरे संभालना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा।हुकुम सरकार का।

हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा। जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।जैसे वह नचाये वैसे नाचना पड़ेगा।हुकुम सरकार का मानना पड़ेगा।हुकुम सरकार का।

Leave a comment