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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Dadi ke rahte kya chinta,दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को,dadi bhajan

उत्सव तेरा मनाए दादी, आए तुझे रीझाने को। दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।

जब राह दिखे ना कोई, हम सीधा झुंझुनू आते हैं। हर साल तेरे उत्सव में, हम लांबी धोक लगाते हैं।जब राह दिखे ना कोई, हम सीधा झुंझुनू आते हैं। हर साल तेरे उत्सव में, हम लांबी धोक लगाते हैं। दादी बैठी कहती हमसे अपना हाल बताने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।

अर्जी भक्तों की दादी ,बड़े प्रेम से बैठकर है सुनती। हाथ फिराती सर पर, झुंझुनू की है यह रानी सती।अर्जी भक्तों की दादी ,बड़े प्रेम से बैठकर है सुनती। हाथ फिराती सर पर, झुंझुनू की है यह रानी सती। कृपा पल में मिल जाए, बस इतना ही है सुनाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।

कंकर को मोती कर दे, यह धाम है झुंझुनू वाली का। होती मुराद है पूरी, आए हर एक सावली का।कंकर को मोती कर दे, यह धाम है झुंझुनू वाली का। होती मुराद है पूरी, आए हर एक सावली का। पंकज आया दर पे तेरे, तेरी महिमा गाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।

उत्सव तेरा मनाए दादी, आए तुझे रीझाने को। दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।

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