गुरुजी री शरण भाया बड़ी सुखदाई रे।गुरुजी री शरण भाया बड़ी सुखदाई रे। अगले जन्म री भाया यही तो कमाई है। ले ले गुरु जी से ज्ञान तू मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।
चार दिना री जग में चमक चांदनी।चार दिना री जग में चमक चांदनी। पीछे तो या रात काली अंधेरी है आवनी। कर ले तू सुखरत काम रे ,मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।
मुक्ति दिलावे संतो मोक्ष भी दिलावे।मुक्ति दिलावे संतो मोक्ष भी दिलावे। गुरुजी थारा तने गोविंद से मिलावे। बात गुरुजी री मान रे,मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।
संत ना होता जग में, जग जल जातो।संत ना होता जग में, जग जल जातो। संत करें सब रो शीतल माथो। कर ले संतो ने प्रणाम रे,मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।
लखन चौधरी लिखे संतो री महिमा।लखन चौधरी लिखे संतो री महिमा। गावे सुनीता स्वामी संत री शरना। संत है सुख री खान रे,मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।
गुरुजी री शरण भाया बड़ी सुखदाई रे।गुरुजी री शरण भाया बड़ी सुखदाई रे। अगले जन्म री भाया यही तो कमाई है। ले ले गुरु जी से ज्ञान तू मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।मानव तू थारो, आगलो जन्म सुधार।