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श्याम भजन लिरिक्स

Chaukhat pe kab se arji dhari hai ,चौखट पर कब से अर्जी धरी है,shyam bhajan

चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।

कैसी परीक्षा तुम ले रहे हो। किस बात की सजा दे रहे हो।कैसी परीक्षा तुम ले रहे हो। किस बात की सजा दे रहे हो। इतना सताना अच्छा नहीं है।चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।

तुमसे कहा है हक है हमारा। सालों पुराना है रिश्ता हमारा।तुमसे कहा है हक है हमारा। सालों पुराना है रिश्ता हमारा। फिर हमसे ऐसी क्या बेरुखी है।चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।

हारों को तुमने सदा ही चुना है। तेरे नाम का यही हल्ला सुना है।हारों को तुमने सदा ही चुना है। तेरे नाम का यही हल्ला सुना है। जीत उन्हें भी दो,देखी हीं है।चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।

चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।चौखट पर कब से अर्जी धरी है। नजर क्यों ना अब तक बाबा, तेरी पड़ी है।चौखट पर कब से।

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