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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Sharan teri aa gaya by jagdeep singh,मैं तो चलकर नंगे पांव शरण तेरी आ गया,durga bhajan

मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।

नवरात्रों की रात निराली आई है। तेरे भक्तों की आज दिवाली आई है।नवरात्रों की रात निराली आई है। तेरे भक्तों की आज दिवाली आई है। कर दो आंचल की छांव शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।

जगमग जगमग दीप जले तेरे द्वारे पर। जैन शांति वही मिले तेरे द्वारों पर।जगमग जगमग दीप जले तेरे द्वारे पर। जैन शांति वही मिले तेरे द्वारों पर। पूरे हो मन के भाव शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।

करता हूं मां नमन तुझे सच्चे मन से। बंधी है मैया डोर मेरी तेरे जीवन से।करता हूं मां नमन तुझे सच्चे मन से। बंधी है मैया डोर मेरी तेरे जीवन से। मैं मन में लेकर चाव, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।

मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।मैं तो चलकर नंगे पांव, शरण तेरी आ गया। मैं छोड़ कर अपना काम, शरण तेरी आ गया।

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