कभी सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में, गली गली हर जगह ढूंढता फिरू। राम जी के नाम का दीवाना हो गया। जय जय राम जय जय राम बोलता फिरूं। बालाजी का रंग देखो ऐसा चढ़ गया।सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में,
नाम की खुमारी बालाजी मेरे सर चढ़ गई। मिलने की तुझसे प्रभु, मुझको लगन लग गई।जागता फिरू कभी भागता फिरु, तेरे चरणों का मैं गुलाम हो गया।जय जय राम जय जय राम बोलता फिरूं। बालाजी का रंग देखो ऐसा चढ़ गया।सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में,
अंजलि के लाल सुन मैं दीवाना तेरा। जब से देखा यह दर ,में मस्ताना हुआ। कोई मूर्ख कहे मुझे पागल कहे। दुनिया वाले चाहे मने पागल कहे, तेरे नाम मैंने जिंदगानी करी।जय जय राम जय जय राम बोलता फिरूं। बालाजी का रंग देखो ऐसा चढ़ गया।सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में,
सुख दुख मेरा प्रभु तेरे ही नाम है। तुझको मनाता रहूं मेरा अरमान है। मैं तो नाचता फिरु ,मैं तो झूमता फिरु। कभी नाचता फिरु,कभी झूमता फिरु। तेरा दर मेरा तो ठिकाना हो गया।जय जय राम जय जय राम बोलता फिरूं। बालाजी का रंग देखो ऐसा चढ़ गया।सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में,
कभी सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में, गली गली हर जगह ढूंढता फिरू। राम जी के नाम का दीवाना हो गया। जय जय राम जय जय राम बोलता फिरूं। बालाजी का रंग देखो ऐसा चढ़ गया।सालासर में ,कभी मेहंदीपुर में,