तर्ज, तुम जैसे दोस्तों का सहारा है
आता है मेरे दर पर, यह सारा जमाना। कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।
खाया है मैंने खाना, कोई पूछता नहीं। क्या भोग में है लाना, कोई पूछता नहीं।खाया है मैंने खाना, कोई पूछता नहीं। क्या भोग में है लाना, कोई पूछता नहीं। जिसको है जो पसंद, वही भोग लगाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।आता है मेरे दर पर, यह सारा जमाना। कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।
आते हैं चढ़ के ऊपर जब तेरह सीढ़ियां। तब फेंकते हैं ऊपर इत्रों की शीशियां।आते हैं चढ़ के ऊपर जब तेरह सीढ़ियां। तब फेंकते हैं ऊपर इत्रों की शीशियां। तक तक के मारते हैं सब मुझ पर निशाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।आता है मेरे दर पर, यह सारा जमाना। कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।
भक्तों का मन रंगा है ना मेरे रंग मे। खिंचवाते अपनी सेल्फी यारों के संग में।भक्तों का मन रंगा है ना मेरे रंग मे। खिंचवाते अपनी सेल्फी यारों के संग में। कहता अनाड़ी चंद्र है श्याम दीवाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।आता है मेरे दर पर, यह सारा जमाना। कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।
आता है मेरे दर पर, यह सारा जमाना। कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।कैसा है हाल मेरा, किसी ने नहीं जाना।