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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Jel me janme hai ghanshyam,जेल में जन्मे है घनश्याम,krishna bhajan

तर्ज, भगत के बस में है भगवान

जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम। टूटे ताले सोए रखवाले, पावन मथुरा धाम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

घटाएं काली-काली हवाएं थी मतवाली। अचानक ज्योति कुंज से, बिखर गई लाली लाली। जेल में श्री नारायण, दरस देने थे आए। देवकी बासुदेव को, श्री हरि सब बतलाएं। हुए प्रकट तब गर्भ से कान्हा, लुप्त हुए सख धाम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

धर पर चमके लाली, छवि मुख है अति प्यारी। खुशी में चमके चेहरे, देखे वो बारी-बारी। कभी मां लाल उठाये, कभी सीने से लगाए। याद कर कंश दुष्ट को, कलेजा मुंह को आए। वासुदेव थे चले जेल से, लेकर कन्हा श्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

कदम यमुना में बढ़ाया, यमुना का मन हरसाया। करने श्री हरि के दर्शन, जल को यमुना ने बढ़ाया। मेघ भी करने दर्शन, देखो घनघोर है बरसे। शेष फिर करने छैयां, देव ऋषि मुनि जन हरसे। वासुदेव घबराने लगे हैं करने लगे ुणगान।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

नंद घर लाल को लाए, यशोदा पास लिटाए। लेकर उनकी पुत्री को, वसुदेव मथुरा आए। सुना जब कंस है दौड़ा, सूता को उसने उठाया। धरा पर लगा पटकने, बाद ही अचरज पाया। छूटा हाथ से जाकर गगन में, बोली श्याम का नाम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

गगन जो बोली कन्या, कंस तेरा काल है आया। पल रहा नंद बाबा घर, भेद सारा बतलाया। कंस सुन कन्या वाणी बड़ा ही घबराया है। मारने नंदलाला को, असुर को बुलवाया है। नंद के घर आनंद है छाया, हो रहे मंगल गान।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

देवगन नंद घर आए, इंद्र ने ढोल बजाए। नाचे है नारद शरद, संत श्री दर्शन पाए यशोदा नंद बाबा जी, बड़े ही प्रसन्न हुए हैं। लुटाई धन दौलत है ,बड़ा ही दान दिए हैं। आए दानव एक-एक करके, गए स्वर्ग औ धाम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

बकासुर पुतना आई , आकाशूर संघरा है। मारे हैं दानव सारे, कंश तन थक हारा है। हुए फिर कृष्णा बड़े तो, लीला फिर रचने लगे हैं। यारों की टोली बनाकर, चोरी फिर करने लगे हैं। मुरली बजाते हैं यमुना तट, मोहे मुरली की तान।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

ग्वालो के संग में खेले, गोपियों को है रिझाते। कभी गायों को चराते, कभी महारासचाते। कालिया नाग है नाथा, राधा के मन को भाये। प्रेम राधा संग कीना, हाथ गिरवर को उठाये। आए मथुरा कुब्जा तारे, यशोदा के घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

कंस से युद्ध किया है, दुष्ट को मार दिया है। जाकर फिर मात पिता को, जेल से मुक्त किया है। नाना को गद्दी बिठाया, धरा पर धर्म बढ़ाया। आगे चलकर अर्जुन को, गीता का सार बताया। महाभारत के तुम ही हो नायक, कृष्ण संग बलराम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।जेल में जन्मे है घनश्याम।

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