वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।
संसारी माया की अग्नि बुझाये जो, करुणा की बारिश बरसाए जो।संसारी माया की अग्नि बुझाये जो, करुणा की बारिश बरसाए जो।कृपामयी सागर से दिव्य गुण है जिनमें, ऐसे गुरु को प्रणाम है।कृपामयी सागर से दिव्य गुण है जिनमें, ऐसे गुरु को प्रणाम है। महाप्रभु के गीत नित्य कीर्तन, युग ये भजे सदा तृप्त करे मन। भाव विभोर होकर भजन करे जो, ऐसे गुरु को प्रणाम है।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।
राधा के सखी आराधना करें जो, शिष्यों से अपने भी कराए जो।राधा के सखी आराधना करें जो, शिष्यों से अपने भी कराए जो। करे भव्य सिंगार और मंत्र मार्जन, ऐसे गुरु को प्रणाम है। चार प्रकार के भोग करें अर्पण, पाकर जिसे भक्तों के तृप्त हुए मन।चार प्रकार के भोग करें अर्पण, पाकर जिसे भक्तों के तृप्त हुए मन। कृपा बरसाने में मगन रहे जो, ऐसे गुरु को प्रणाम है।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।
श्री राधा माधव के महिमा का, मधुर जीन की लीलाएं, गुण रूप और नाम।श्री राधा माधव के महिमा का, मधुर जीन की लीलाएं, गुण रूप और नाम। इन लीलाओं का स्मरण करे जो, ऐसे गुरु को प्रणाम है। राधा कृष्ण की दिव्य लीलाओं को, करने पूर्ण गोपिया मांगे जो। बड़ी कुशलता से उनकी व्यवस्था करें जो, ऐसे गुरु को प्रणाम है।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।
श्री हरि जैसे गुण, गुरु में है सभी, कहते हैं शास्त्र और माना ऋषियों ने भी।श्री हरि जैसे गुण, गुरु में है सभी, कहते हैं शास्त्र और माना ऋषियों ने भी। कृष्ण की तरह जिनको पूजे हम सभी, ऐसे गुरु को प्रणाम है। जिनकी कृपा से कृष्ण कृपा मिले, जिनकी कृपा बिना,धरती बीज ना खिले। नित्य करे जो तीन, बार जो इन्हें बंदन। ऐसे गुरु को प्रणाम है।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।वंदे गुरु श्री चरणारविंदम।