वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा,
सबसे पहले पूजे तुम्हें हम, ओ मेरे गणपति देवा। लालबाग के राजा है जो, ऊनकी करूं में सेवा। माता जिनकी गौरा रानी, है पिता महादेवा। मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।
शुभ आरंभ हो नाम से तेरा, दूर करें अंधेरा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।
चारों दिशाओं को बांधे हुए हैं, सूंड में कुंभ को थामे हुए हैं। क्या है क्या होता है सबको बताते, भूत भविष्य को संभाले हुए हैं। सही गलत का भेद बताते, देव गनों को राह दिखाते, कष्ट हरे मेरे देवा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।माता जिनकी गौरा रानी, है पिता महादेवा। मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।मेरे देवा मेरे देवा, मेरे गणपति मेरे देवा।
ढोल नगाड़े बजने लगे हैं, गणपति मेरे सजने लगे हैं। भंडारों में शोर मचा है, छप्पन भोग चढ़ने लगे हैं। आ जाओ गणपति जीवन में, अभिनंदन में भक्त खड़े हैं।अभिनंदन में भक्त खड़े हैं।अभिनंदन में भक्त खड़े हैं।