विघ्न हरण मंगल करण श्री गणपति जी महाराज। प्रथम निमंत्रण आपको मेरे, पूर्ण करिए काज।
मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा। तुझसे पहले पूजा न जाए ,और कोई देव दूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।
सिद्धि के हो विनायक दाता ,ज्ञान का सागर तुमसे आता। नाम बड़ा है सब देवों में, सब देवों के तुम हो विधाता। वरदान ऐसा मिला है जग में ,तेरा ही नाम गुंजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।
मां गौरा के पुत्र हो देवा, पिता तुम्हारा है महादेवा। सिमरन करता है जो तेरा, मिलता है उसको ही मेवा। तुझको पूजू तुझको ध्याऊं ,और कर कोई सुझा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।
हर पल तेरा गुण में गाऊं ,गणपति ऐसा वर दो मुझको। तेरे नाम में लीन रहूं मैं ,भगवन ऐसा वर दो मुझको। भक्त हर पल पूजा करे तेरी, ऐसे मन को छू जा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।
मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा। तुझसे पहले पूजा न जाए ,और कोई देव दूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।मैं तेरी पूजा करूं, करूं गणपति तेरी पूजा।