अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में। देखो सर पर बांध के पल्ला। वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में।
घना सा जंगल सुना सारा, काली काली रात है। वासुदेव को सुन रही केवल, कंस की वह बात है।घना सा जंगल सुना सारा, काली काली रात है। वासुदेव को सुन रही केवल, कंस की वह बात है। पार लगा ले कंस कहीं वह मेरा आठवां लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में,देखो सर पर बांध के पल्ला। वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।
भरि सी जमुना देखकर वासुदेव घबराए हैं। रास्ता बन गई जमुना मैया, चरण प्रभु लटकाए हैं।भरि सी जमुना देखकर वासुदेव घबराए हैं। रास्ता बन गई जमुना मैया, चरण प्रभु लटकाए हैं। छू के पांव प्रभु के बोली धन्य हो गई लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में,देखो सर पर बांध के पल्ला। वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।
यशोदा संग सुलाकर प्रभु को, वासुदेव जी आए हैं। धन्यवाद होकर के अपने, मन ही मन हरसाए हैं।यशोदा संग सुलाकर प्रभु को, वासुदेव जी आए हैं। धन्यवाद होकर के अपने, मन ही मन हरसाए हैं। माता यशोदा के घर जन्मे देखो प्यारे लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में,देखो सर पर बांध के पल्ला। वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।
अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में। देखो सर पर बांध के पल्ला। वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।वासुदेव जी चल पड़े, पालने में बिठा के लला।अंधियारी सी रात में, भारी बरसात में।