जब बंसी बजाता है जग झूम जाता है। मेरा यार संवारा है।मेरा यार संवारा है। सिर मोर मुकुट प्यार नैनों में समाता है।मेरा यार संवारा है।मेरा यार संवारा है।
अधरों पर धर बंसी, मीठा-मीठा बोले। गलियों में कुंजन में, सबका घूंघटा खोले।अधरों पर धर बंसी, मीठा-मीठा बोले। गलियों में कुंजन में, सबका घूंघटा खोले। कभी माखन खाता है, हंस-हंस बतलाता है। मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है।
यह चाल चले टेढ़ी, और मुकुट भी टेढ़ा है। पनघट पे मनमोहन, सखियों ने घेरा है।यह चाल चले टेढ़ी, और मुकुट भी टेढ़ा है। पनघट पे मनमोहन, सखियों ने घेरा है। कभी नैन लड़ाता है ,और कब शर्मता है।मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,
यह फूलों का राजा, कलियों में रहता है। बचके रहना गोरी, गलियों में रहता है।यह फूलों का राजा, कलियों में रहता है। बचके रहना गोरी, गलियों में रहता है। रंग में रंग जाता है प्रेमी बन जाता है।मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,मेरा यार सांवरा है,
जब बंसी बजाता है जग झूम जाता है। मेरा यार संवारा है।मेरा यार संवारा है। सिर मोर मुकुट प्यार नैनों में समाता है।मेरा यार संवारा है।मेरा यार संवारा है।