आज बधाइयां बजे बिरज में, आनंद मंगल छायो। छोटो सो गोपाल कन्हैयो ,ब्रिज आंगन में आयो।ब्रिज आंगन में आयो। मैं तो नंद बाबा के घर जाऊंगी।नंद बाबा के घर जाऊंगी। बधाई लेकर आऊंगी।मैं तो नंद बाबा के घर जाऊंगी।नंद बाबा के घर जाऊंगी। बधाई लेकर आऊंगी।।अरे हां बधाई लेकर आऊंगी।
मैंने सुना है वहां लाला भयो है, लाला भी जग से निराला भयो है।मैंने सुना है वहां लाला भयो है, लाला भी जग से निराला भयो है। जाकर लाला के दर्शन पाऊंगी।बधाई लेकर आऊंगी।अरे हां बधाई लेकर आऊंगी।।अरे हां बधाई लेकर आऊंगी।
गौने में लाये जो पचरंग साड़ी, जयपुरिया लहंगा में गोटे की किनारी।गौने में लाये जो पचरंग साड़ी, जयपुरिया लहंगा में गोटे की किनारी। मैं तो लहर लहर लहराऊंगी।बधाई लेकर आऊंगी।अरे हां बधाई लेकर आऊंगी।।अरे हां बधाई लेकर आऊंगी।
बधाई हो बधाई हो बिरज में बधाई।बधाई हो बधाई हो बिरज में बधाई। नंद बाबा को बधाई, मां यशोदा को बधाई। दाऊ भैया को बधाई, ग्वाले गईया को बधाई।बधाई हो बधाई हो बिरज में बधाई।बधाई हो बधाई हो बिरज में बधाई।