वृंदावन वृंदावन वृंदावन हां वृंदावन।वृंदावन वृंदावन वृंदावन हां वृंदावन। वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया। याद मुझे यह गलियां आई, कुंज गली में खिंचा चला आया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।
जय राधे जय जय राधे जय श्री राधे।जय राधे जय जय राधे जय श्री राधे।
ब्रजभूमि की बात निराली ,दिन है निराला रात निराली। राधे राधे नाम उचारे, पत्ता पत्ता डाली डाली। संतों ने जहां पर कृष्ण को पाया, कुंज गली में खींचा चला आया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।
देवता जिस रस को तरसे, वह रस वृंदावन को बरसे। पागल श्याम के हो जाओगे, सोच समझ कर चलना घर से।सोच समझ कर चलना घर से।। श्याम ने जहां पर रास रचाया,कुंज गली में खिंचा चला आया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।
वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया। याद मुझे यह गलियां आई, कुंज गली में खिंचा चला आया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।वृंदावन में मैं चला आया, बांके बिहारी ने मुझको बुलाया।