चलो चले वृंदावन धाम। चलो चले श्री कृष्ण के धाम। चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम। जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी,
मन खिल जाए जब दिख जाए, मेरो वृंदावन को द्वार। ऊंची ऊंची शिखर सुंदर मंदिर, प्रेम जहां बरसत है अपार। कुंज गलिन से यमुना तट तक, निधिवन से श्री वंशी बाट। जब जब जन्म मिले ब्रजभूमि मिले, ऐसी लीला रचो मेरे श्याम हो। स्वस्ति करे यश गान, जपे राधे कृष्णा का नाम। ओ कान्हा आ गए हम तेरे वृंदावन धाम।ओ कान्हा आ गए हम तेरे वृंदावन धाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी,
ब्रजभूमि का मान बढ़ाये, श्री वृंदावन चंद्रोदय धाम। विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर, होगा सनातन धर्म कि शान। ऊंचे हमने घर तो बनाये, अब ऊंचा रचे श्री कृष्ण का धाम। तन मन धन से आज जुड़े हम, मिलकर करें चंद्रोदय निर्माण। ब्रज की गौरव गाथा का, सब दिल में हो गुणगान। हर मुख पर राधे-राधे , कण कण में कृष्ण का नाम।हर मुख पर राधे-राधे , कण कण में कृष्ण का नाम।
चलो चले श्री कृष्ण के धाम। चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम।चलो चले हम कृष्ण की नगरी, श्री वृंदावन धाम। जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।जहां मुख पे राधे-राधे, कण कण में कृष्ण का नाम।