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श्याम भजन लिरिक्स

Setho ka seth hai,सेठों का सेठ है,shyam bhajan

श्याम धनी की दातारी की, महिमा सबसे ग्रेट है। सेठों का सेहै,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,श्याम धनी की दातारी की, महिमा सबसे ग्रेट है।सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,

जग के आगे इधर-उधर जो, खुद को सेठ बताते हैं। वह भी इस दरबार में आकर, झोली को फैलाते हैं।जग के आगे इधर-उधर जो, खुद को सेठ बताते हैं। वह भी इस दरबार में आकर, झोली को फैलाते हैं। भक्तों की झोली भरने में, करता कभी ना लेट है।सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,

इस कलयुग में केवल मेरे, श्याम का सिक्का चलता है। फूटी किस्मत रुठी लकीरें, पल में श्याम बदलता है।इस कलयुग में केवल मेरे, श्याम का सिक्का चलता है। फूटी किस्मत रुठी लकीरें, पल में श्याम बदलता है। हारे हुए लोगों के खातिर, खुला प्रभु का गेट है।सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,

वैसे तो इस दुनिया में ,माधव है दरबार कई। पर मेरे खाटू वाले सा, कोई भी दातार नहीं।वैसे तो इस दुनिया में ,माधव है दरबार कई। पर मेरे खाटू वाले सा, कोई भी दातार नहीं। होती है पल भर में सुनवाई, करवाता ना वेट है।सेठों का सेठ है, सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,

श्याम धनी की दातारी की, महिमा सबसे ग्रेट है। सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,श्याम धनी की दातारी की, महिमा सबसे ग्रेट है।सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,सेठों का सेठ है,

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