श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।
गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला। जिसका ना कोई है जगत में, उसका है बंसी वाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।
हरे कृष्णा कृष्णा हरे कृष्णा, बोल सांसों की माला। मनमोहन से मिलते ही, मन हो जाए मतवाला। अरे नजर से जादू करिया, है अजब गजब यह ग्वाला। घूंगराली लट से तोडा, राधा के दिल का ताला। कभी मिला नहीं मीरा से, उसे दीवानी कर डाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।
शरणागत को संकट से, गिरधर ने सदा निकाला। सांवरिया तो विश को पी, अमृत है करने वाला। बन जाए कवच भक्तों का, यह श्याम नाम दुशाला। जो काम करे ये मुरली ,दरकार न बरछी भाला। हो कृष्णा सारथी जिसके, उसे कौन हराने वाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।
लाल गुलाबी काला, रंग सब पर श्याम ने डाला। चढ़े तो फिर न उतरे, हैं श्याम का रंग निराला। राधा को भी रंग डाला, मीरा को भी रंग डाला। रंग डाले सारे ग्वाले, रंग दी ब्रिज की हर बाला। उसका बचना मुश्किल है, पड़े श्याम से जिसका पाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।
गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।गोविंद गोपाला हरे कृष्णा हरे नंदलाला।श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।