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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Rakhte sabki khabar bholenath by saurabh madhukar,जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे,shiv bhajan

जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।रखता सबकी खबर कल्याण करें।जोगी पर्वत के बैठा-बैठा ध्यान धरे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।

जाने उसको लगी है जी किसकी लगन।बैठा कैलाश पे करता किसका भजन।जाने उसको लगी है जी किसकी लगन।बैठा कैलाश पे करता किसका भजन।आंखे मूंद के वो तो राम राम रे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।

देवों का देव अंतर्यामी है वोबकी झोली है भरता भोले दानी है वो।देवों का देव अंतर्यामी है वो।सबकी झोली है भरता भोले दानी है वो।जिसका सारा जगत गुणगान करे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।

मेरी गौरा मैया का सिंगार है वो।उर्मिल श्रृष्टि का पालनहार है वो।मेरी गौरा मैया का सिंगार है वो।उर्मिल श्रृष्टि का पालनहार है वो।जिसकी महिमा का वेद बखान रे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।

जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।रखता सबकी खबर कल्याण करें।जोगी पर्वत के बैठा-बैठा ध्यान धरे।जोगी पर्वत पे बैठा-बैठा ध्यान धरे।आंखे मूंद के वो तो राम राम करे।।जिसका सारा जगत गुणगान करे।जिसकी महिमा का वेद बखान करे।

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