तर्ज, राधिका गोरी से
जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ। प्रभु सेवक हूं आपका, अजी सेवक हूं आपका।जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ।
तू है मेरा मालिक, और मैं हूं सेवक तेरा। इसीलिए तो तुम पर, प्रभु बनता है हक मेरा।तू है मेरा मालिक, और मैं हूं सेवक तेरा। इसीलिए तो तुम पर, प्रभु बनता है हक मेरा। टूटेगा कभी नहीं कभी नहीं, यह रिश्ता प्रेम का।जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ।
जग जाहिर है मालिक, यह तेरा मेरा रिश्ता। तेरी सेवा में हीं ,आनंद मुझे है मिलता।जग जाहिर है मालिक, यह तेरा मेरा रिश्ता। तेरी सेवा में हीं ,आनंद मुझे है मिलता। भूखा हूं में है प्रभु, हे प्रभु, तेरे दीदार का।जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ।
तूने मुझे पिलाया,जो मस्ती का ये प्याला।बनवारी मेरा जीवन,खुशियों से है भर डाला।तूने मुझे पिलाया,जो मस्ती का ये प्याला।बनवारी मेरा जीवन,खुशियों से है भर डाला।तेरी ही है कृपा,है कृपा,तेरा ही आसरा।जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ।
जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ। प्रभु सेवक हूं आपका, अजी सेवक हूं आपका।जो भी फरमाओगे, मुझे बतलाओगे, वो ही करूंगा भोलेनाथ।