सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं। मजा सावन का लेने को, वह लखदातार बैठे है।
कहीं कोयल की कू कू है ,कहीं छम छम है बारिश की।कहीं कोयल की कू कू है ,कहीं छम छम है बारिश की। लगाकर इत्र और चंदन, करके सिंगार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।
झूलाते बारी-बारी से ,भगत झूले में बाबा को।झूलाते बारी-बारी से ,भगत झूले में बाबा को। कोई मुस्कान तो देखो, हम भी दिल हार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।
राज हरियाली चारो ओर, झूम कर सावन आया है।राज हरियाली चारो ओर, झूम कर सावन आया है। लूटाने प्यार का अमृत, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।
सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं।सज धज करके झूले में, मेरे सरकार बैठे हैं। मजा सावन का लेने को, वह लखदातार बैठे है।