तर्ज,सावन का महीना
सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।
शिव ही है सत्य और, शिव है अनंता। शिव ही अनादि और ,शिव भगवंता।शिव ही है सत्य और, शिव है अनंता। शिव ही अनादि और ,शिव भगवंता। शिव शंकर की महिमा पर भक्तों को है नाज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।
चिंता नहीं है कोई ,अब हमें काल की। क्योंकि कृपा है हम पर, उस महाकाल की।चिंता नहीं है कोई ,अब हमें काल की। क्योंकि कृपा है हम पर, उस महाकाल की। काल भी डरता जिससे ,वह है भोले सरकार।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।
सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।सावन का महीना, आए हैं भोलेनाथ। हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।हवा के कण कण में गूंजे है, डमरू डम डम आज।