नाम तुम्हारा रटते रटते, राधा के अब बीते दिन। अखियां बिछाई राह में तेरे, कटते नहीं अब दिन तेरे बिन। क्यों तुम मुझको छोड़ गए, सारे रिश्ते तोड़ गए।क्यों तुम मुझको छोड़ गए, सारे रिश्ते तोड़ गए।हो कान्हा ऐसे सताओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।हो कान्हा ऐसे सताओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।
ढूंढ रही है अखियां तुमको, कहीं तो दिखेगा कान्हा इनको।ढूंढ रही है अखियां तुमको, कहीं तो दिखेगा कान्हा इनको। ऐसी क्या मजबूरी है ,प्रेम से भी क्या जरूरी है। ओ कान्हा यूं ठुकराओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।ओ कान्हा यूं ठुकराओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।
कैसे जीएगी तुम बिन राधा, एक एक पल लगे सदियों से ज्यादा।कैसे जीएगी तुम बिन राधा, एक एक पल लगे सदियों से ज्यादा। कैसे उम्र में काटूंगी ,तुम बिन गम किस बाटूंगी। ओ कान्हा प्राण बचाओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।ओ कान्हा प्राण बचाओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।
कहते थे तुम तो मेरी प्रिय हो, फिर कैसे प्रेम का फल यह दिए हो।कहते थे तुम तो मेरी प्रिय हो, फिर कैसे प्रेम का फल यह दिए हो। क्या कोई अपनों को त्यागता है ,दिल के रिश्ते से भागता है। ओ कान्हा अब तो रुलाओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।ओ कान्हा अब तो रुलाओ ना, ब्रिज को लौट के आओ ना।ब्रिज को लौट के आओ ना।ब्रिज को लौट के आओ ना।