तर्ज,दीनानाथ मेरी बात
बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है। वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
ना ही कोई संत है वो, ना ही कोई साधु है। छोटा सा एक बालक है पर, उसके हाथ में जादू है।ना ही कोई संत है वो, ना ही कोई साधु है। छोटा सा एक बालक है पर, उसके हाथ में जादू है। छोटी सी उंगली पर देखो गिरवर का धरैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
ऐसे ऐसे काम किया भाई, रख दिया हीला करके। कैसे कैसे किये करिश्मे, बांसुरी बजा करके।ऐसे ऐसे काम किया भाई, रख दिया हीला करके। कैसे कैसे किये करिश्मे, बांसुरी बजा करके। 6 गज की साड़ी ना उतरी, ऐसा चिर बढैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
मुझसे पूछा कई भक्तों ने, दिखने में वह कैसा है। मैंने कहा दिल देकर देखो, दीवाने के जैसा है।मुझसे पूछा कई भक्तों ने, दिखने में वह कैसा है। मैंने कहा दिल देकर देखो, दीवाने के जैसा है। दिल वालों पर जान लुटाए, ऐसा दिल का लगईया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
उसकी भोली सूरत ऐसी, सारा जमाना भूल गए। चले गए बनवारी लेकिन ,वापस आना भूल गए।उसकी भोली सूरत ऐसी, सारा जमाना भूल गए। चले गए बनवारी लेकिन ,वापस आना भूल गए। बंसी बजाकर अपना बना ले, ऐसा बंसी बजैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है। वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।बिन पानी के नाव चलाये, केवल एक खेवईया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।