तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया
तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।श्याम बंसी बजाने आए।श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।
पंछी भी चहकने लगे हैं, सारे बादल बहकने लगे हैं।पंछी भी चहकने लगे हैं, सारे बादल बहकने लगे हैं।मोरों ने पंख फैलाए,श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।
कान्हा मुरली वाले हैं, चंचल है मतवाले हैं।कान्हा मुरली वाले हैं, चंचल है मतवाले हैं। माथे पर तिलक सजाये।श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।
सब श्याम की धुन में खोए, शुद बुध ना खुद की होए।सब श्याम की धुन में खोए, शुद बुध ना खुद की होए। मन मेरा था मुस्काए।श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।
तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।श्याम बंसी बजाने आए।श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।तारे यमुना के तट पर छाए। श्याम बंसी बजाने आए।