कहीं अंबे जगदंबे काली, कहीं वैष्णो रानी।कहीं अंबे जगदंबे काली, कहीं वैष्णो रानी। नौ रूप धर धरती पर मां आई शेरावाली। भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।
त्रेता युग में दुष्टों ने, उत्पात मचाया भारी। रक्त बहाया निर्दोषों का, हिल गई दुनिया सारी।त्रेता युग में दुष्टों ने, उत्पात मचाया भारी। रक्त बहाया निर्दोषों का, हिल गई दुनिया सारी। रूप वैष्णो का धर,जब आई शेरावाली।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।
आदिशक्ति माता ने आकर ,भस्मासुर को मारा। पापी राक्षसों से खाली, कर डाली सारी धारा।आदिशक्ति माता ने आकर ,भस्मासुर को मारा। पापी राक्षसों से खाली, कर डाली सारी धारा। भस्मासुर से करी लड़ाई, बनके महाकाली।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।
शेर पर बैठी शेरावाली, लगती बड़ी प्यारी। गले में माला हाथ में भाला, चमकी तेज वो भारी। सोनू सैनी की करती है मैया सदा रखवारी।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।
कहीं अंबे जगदंबे काली, कहीं वैष्णो रानी।कहीं अंबे जगदंबे काली, कहीं वैष्णो रानी। नौ रूप धर धरती पर मां आई शेरावाली। भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।भक्तों करो आरती, मैया पार उतारती।