जो किस्मत जगत की बनाते हैं सारे।जो किस्मत जगत की बनाते हैं सारे। तो क्यों ना चले हम उन्हीं को पुकारे। यही मंत्र जपते हैं ऋषि संत सारे। हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।
सुबह शाम जो शिव का नाम पुकारे। ना छोड़े उसे शंकर कभी बेसहारे। एक बार जाए जो भी गंगा नहाए। पाप सभी उसके शिव में समाए।यही मंत्र जपते हैं ऋषि संत सारे। हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।
कहां आज तक तू भटकता था प्यारे। सुन ले प्रभु की महिमा जो दुख से उबारे। ढोंग प्रपंच शिव को, तनिक ना भावे। तो क्यों महा शिव को ढोंग दिखावे। एक बेलपत्र से जो खींचे चले आवे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।हर हर महादेव शंभू हमारे।