Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Khatu me baitha darwar laga ke lakhdatari,खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी,shyam bhajan

खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी

खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी। लखदातारी बाबा तीन वाण धारी।लखदातारी बाबा तीन वाण धारी। भक्तों के इंतजार में बैठा शीश का दानी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।

मात मोरवी के आंखों के तारे।मात मोरवी के आंखों के तारे। आंखों के तारे बाबा आंखों के तारे ।सज धज के बैठे हैं बाबा हमारे। खड़े हैं भक्त कतार में ,कब आएगी बारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।

शुक्ल पक्ष की ग्यारस निराली।शुक्ल पक्ष की ग्यारस निराली। ग्यारस निराली बाबा ग्यारस निराली। दूर पास के आते सवाली। भरते खुशी और प्यार में ,आके दर पे पुजारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।

दास कैलाश निशान उठाके।दास कैलाश निशान उठाके। करे भावना भी दर्शन आके। श्याम की जय जयकार में खुशी मिलती है भारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।

खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी। लखदातारी बाबा तीन वाण धारी।लखदातारी बाबा तीन वाण धारी। भक्तों के इंतजार में बैठा शीश का दानी।खाटू में बैठा दरबार लगाकर लखदातारी।

Leave a comment