बिनती सुनिए नाथ हमारी,बिनती सुनिए नाथ हमारी,हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,बिनती सुनिए नाथ हमारी ॥
जनम जनम की लगी लगन है,
साक्षी तारो भरा गगन है,गिन गिन स्वाश आस कहती है,आएँगे श्री कृष्ण मुरारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी।
सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन,हे भव बाधा बिपति बिमोचन।स्वागत का अधिकार दीजिए,
शरणागत है नयन पुजारी,बिनती सुनिए नाथ हमारी।
और कहूं क्या अंतर्यामी,तन मन धन प्राणो के स्वामी।करुणाकर आकर के कहिए,स्वीकारी विनती स्वीकारी,बिनती सुनिए नाथ हमारी।