तर्ज, चलते चलते यूंही कोई मिल गया
मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है।
मुझे छोड़ के गए जब, मेरे वो सारे अपने।मुझे छोड़ के गए जब, मेरे वो सारे अपने। मेरे वो सारे अपने। अपना बनाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला,
जीवन में था अँधेरा, दिखता नहीं सवेरा।जीवन में था अँधेरा, दिखता नहीं सवेरा। दिखता नहीं सवेरा। ज्योति जगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है।मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला,
मेरी हैसियत कहाँ थी, जो खुद मैं जाऊं खाटू।मेरी हैसियत कहाँ थी, जो खुद मैं जाऊं खाटू। जो खुद मैं जाऊं खाटू। मुझको बुलाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है।मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला,
दुनिया से क्या मिला था, मायूसी के अलावा।दुनिया से क्या मिला था, मायूसी के अलावा। मायूसी के अलावा। मुझे फिर से हंसाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला, मेरा श्याम सांवरा है, मुझे दिल से लगाने वाला, मेरा श्याम साँवरा है। मेरी बिगड़ी बनाने वाला,