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श्याम भजन लिरिक्स

Main Hoon Baba Das Tumhara by sardar Romi ,दूर करो अज्ञान हमारा  मैं हूं बाबा दास तुम्हारा,shyam bhajan

मैं हूं बाबा दास तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

तर्ज, और इस दिल में क्या रखा है

आ गया शरण में तेरी, बस इतनी भीख दे दे। जिंदगी कैसे जिए, हमें भी सीख दे दे। हमें सुना दो आकर फिर से,गीता का वो ज्ञान।गीता का वो ज्ञान। दूर करो अज्ञान हमारा, मैं हूं बाबा दास तुम्हारा। सुख दे दुख दे तेरी मर्जी, हमने तो श्री श्याम पुकारा। हमको मिल जाए साथ तुम्हारा ,सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

देखूं जो अवगुण अपने, शर्म है हमको आए। जो देखूं कृपा तुम्हारी, आंख यह नम हो जाए।देखूं जो अवगुण अपने, शर्म है हमको आए। जो देखूं कृपा तुम्हारी, आंख यह नम हो जाए। पापी से पापी पर भी तुम करते हो उपकार।तुम करते हो उपकार। हमको मिल जाए श्याम किनारा,सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा। मैं हूं बाबा दास तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

चलती है मर्जी तेरी, बात यह समझ में आई। जानते हो तुम मेरी ,प्रभु किस में भलाई।चलती है मर्जी तेरी, बात यह समझ में आई। जानते हो तुम मेरी ,प्रभु किस में भलाई। तेरे हाथों सौंप दी हमने जीवन की यह डोर।जीवन की यह डोर। दोनों ने दीनानाथ पुकारा, मैं हूं बाबा दास तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा। मैं हूं बाबा दास तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

तुम तो हो मालिक मेरे, हम पर अधिकार तुम्हारा। न भूलूं जन्म जन्म तक ,प्रभु उपकार तुम्हारा।तुम तो हो मालिक मेरे, हम पर अधिकार तुम्हारा। न भूलूं जन्म जन्म तक ,प्रभु उपकार तुम्हारा। हम तो हरदम खड़े रहेंगे दोनों हाथ पसार।दोनों हाथ पसार। रोमी करें गुणगान तुम्हारा ,मैं हूं बाबा दास तुम्हारा। सुख दे दुख दे तेरी मर्जी, हमने तो तेरा नाम पुकारा। हमको मिल जाए श्याम सहारा, सर पर मेरे हो हाथ तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

आ गया शरण में तेरी, बस इतनी भीख दे दे। जिंदगी कैसे जिए, हमें भी सीख दे दे। हमें सुना दो आकर फिर से,गीता का वो ज्ञान।गीता का वो ज्ञान। दूर करो अज्ञान हमारा, मैं हूं बाबा दास तुम्हारा। सुख दे दुख दे तेरी मर्जी, हमने तो श्री श्याम पुकारा। हमको मिल जाए साथ तुम्हारा ,सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।सर पे मेरे हो हाथ तुम्हारा।

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