राजतिलक की है तैयारी, काज संभालेंगे धनुर्धारी, करने ऊंचा रघुकुल का नाम आए हैं। आज कहे सब संत पुजारी, राम की जीत है जीत हमारी, लौट के भगवान अपने धाम आए हैं।
रामनगरी सज रही है दोबारा, अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं। बाजे गली गली ढोल गूंजे नारा,अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं। अयोध्या श्री राम आए हैं।
सज धज अयोध्या राज सिंहासन, मन प्रभु राम पुकारे। कलयुग को फिर से सजाये, त्रेता युग दोहराये। राम प्रभु राम, फिर से कमान अपने हाथ में उठाओ। राम प्रभु राम ,देर ना करो अपने धाम लौट आओ। कितनी सुंदर नगरी सुंदर, लगे हैं दोबारा,अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या श्री राम आए हैं।
खत्म हुई अब दूरी, अवध हुई अब पूरी।खत्म हुई अब दूरी, अवध हुई अब पूरी। बाट ये निहारे कभी आरती उतारे। त्रिकुटा के संत तिलक चंदन से निकाले।बाट ये निहारे कभी आरती उतारे। त्रिकुटा के संत तिलक चंदन से निकाले। आओ प्रभु आओ, भरत मिलन को देर ना लगाओ। बैर सबरी चख रही है दोबारा,अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या श्री राम आए हैं।
बाजे गली गली ढोल गूंजे नारा,बाजे गली गली ढोल गूंजे नारा,अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या मेरे राम आए हैं।अयोध्या श्री राम आए हैं।