राम रचीत संसार में राम स्वयं ही आए। कस्ट निकंदन दुख भंजन ने कितने कष्ट उठाए। अजब यह लीला है अजब मेरे राम।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।
कौशल नंदन वध दुलारे आये बजी बधाई। भरत शत्रुघ्न लखन की संग संग, बड़े हुए रघुरायी। गुरुकुल साथ गए चारों ही शिक्षा साथ में पाई। शिक्षा लेकर महल जो लौटे, घड़ी परीक्षा की आई। दशरथ जी से विश्वामित्र ने मांग लीये रघुराई।सुनकर गुरु की वाणी दिशा दिशा मुस्काई।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।
विश्वामित्र की बातें सुन हर्षित हुए रघुराई। रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाए। सकल वंश के शिरोमणि राम लखन संग आए। योगी जोगी ऋषि मुनियों के संकट तुरंत मिटाये। गुरु के संग संग जनकपुरी में पहुंच गए रघुराई। शिव का धनुष भांज कर डाला, धनुर्धर की चतुराई।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।
राम रचीत संसार में राम स्वयं ही आए। कस्ट निकंदन दुख भंजन ने कितने कष्ट उठाए। अजब यह लीला है अजब मेरे राम।अजब यह लीला है अजब मेरे राम।