तर्ज, सावन का महीना पवन करे शोर
मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और,
एक चले न बाबा तेरे आगे मेरा जोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।
तू श्याम बाबा मेरा तू ही मेरी मैया,
थाम के कलाही चलना धुप हो जा छइया।तू श्याम बाबा मेरा तू ही मेरी मैया,
थाम के कलाही चलना धुप हो जा छइया,
देख के तुझको सोऊ तेरे भजन से जागे बोर
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।
जीत भी काबुल मुझे हार भी काबुल है,
प्यार तेरे फूलो से भी हार भी काबुल है।जीत भी काबुल मुझे हार भी काबुल है,
प्यार तेरे फूलो से भी हार भी काबुल है,
जीत के ना इतराऊ हारू तो करू ना छोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।
करू मैं गुलामी तेरी यही मेरा खवाब है,
अजमा के देख ये गुलाम ला जवाब है।करू मैं गुलामी तेरी यही मेरा खवाब है,
अजमा के देख ये गुलाम ला जवाब है,
तू जो कहे मैं तो नाचो तेरे आगे बनके मोर,
तेरी ख़ुशी की खातिर बन जाऊ माखन चोर।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।
मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और,
एक चले न बाबा तेरे आगे मेरा जोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।