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श्याम भजन लिरिक्स

Me patang hu pyare tere hath hai Mari dor,मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,shyam bhajan

मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,

तर्ज, सावन का महीना पवन करे शोर

मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और,
एक चले न बाबा तेरे आगे मेरा जोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस औरमैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।



तू श्याम बाबा मेरा तू ही मेरी मैया,
थाम के कलाही चलना धुप हो जा छइयातू श्याम बाबा मेरा तू ही मेरी मैया,
थाम के कलाही चलना धुप हो जा छइया,
देख के तुझको सोऊ तेरे भजन से जागे बोर
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।




जीत भी काबुल मुझे हार भी काबुल है,
प्यार तेरे फूलो से भी हार भी काबुल हैजीत भी काबुल मुझे हार भी काबुल है,
प्यार तेरे फूलो से भी हार भी काबुल है,
जीत के ना इतराऊ हारू तो करू ना छोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।



करू मैं गुलामी तेरी यही मेरा खवाब है,
अजमा के देख ये गुलाम ला जवाब हैकरू मैं गुलामी तेरी यही मेरा खवाब है,
अजमा के देख ये गुलाम ला जवाब है,
तू जो कहे मैं तो नाचो तेरे आगे बनके मोर,
तेरी ख़ुशी की खातिर बन जाऊ माखन चोर।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।

मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और,
एक चले न बाबा तेरे आगे मेरा जोर,
मैं हु तेरी मर्जी पे नचाले जिस और।मैं पतंग हु प्यारे तेरे हाथ है मेरी डोर,मैं पतंग हु प्यारे।

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