सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी। श्री राम को पुकारे, सारी अयोध्या नगरी।श्री राम को पुकारे, सारी अयोध्या नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।
अवधपुरी रघुनंदन तेरी, बरसों राह निहारी। दर्शन के प्यासे हम हैं, है धनूर के धारी।अवधपुरी रघुनंदन तेरी, बरसों राह निहारी। दर्शन के प्यासे हम हैं, है धनूर के धारी। आंखें तरस रही है तूने, काहे देर लगा दी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।
आओ रघुवर आओ फिर से रामराज चले आओ। चरणों में बैठे हनुमत संग में, लक्ष्मण जी को लाओ।आओ रघुवर आओ फिर से रामराज चले आओ। चरणों में बैठे हनुमत संग में, लक्ष्मण जी को लाओ। चरणों में बैठे हनुमत, माता जानकी भी आई।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।
ऋषियों की है यह नगरी मां, सरयू कि यहां छाया। स्वागत करें धरा पर , फिर से प्रभु तुम्हारा।ऋषियों की है यह नगरी मां, सरयू कि यहां छाया। स्वागत करें धरा पर , फिर से प्रभु तुम्हारा। मंगल तिलक करेंगे मिलकर, मंदिर में सारे अवधि।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।
सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी। श्री राम को पुकारे, सारी अयोध्या नगरी।श्री राम को पुकारे, सारी अयोध्या नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।सजने लगी है भक्तों, सिया राम जी की नगरी।