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श्याम भजन लिरिक्स

Chahe jamana ruthe par ye lagan na chhute,चाहे जमाना रूठे पर ये लगन न छुटे,shyam bhajan

चाहे जमाना रूठे, पर ये लगन न छुटे,

चाहे जमाना रूठे, पर ये लगन न छुटे,चाहे जमाना रूठे, पर ये लगन न छुटे,
रहे साथ में सदा साँवरा, साथ कभी ना छुटे,
दुनियाँ ना मेरे किसी काम की,
मैं तू दीवानी अपने श्याम की,
चाहे ज़माना रूठे ,पर ये लगन ना छूटे।



श्याम है जबसे मन में समाया,
कितनी बदल गई जीवन की छाया,
हर सपना पूरा होने लगा है,
कितनी निराली है इसकी माया,
अब चाहे हर रिश्ता टूटे, बस ये संग ना छुटे
मिली है निशानी जब से नाम की,
मैं तो दीवानी अपने श्याम की
महिमा निराली इसके धाम की,
मैं तो दीवानी अपने श्याम की
चाहे ज़माना रूठे पर ये लगन ना छूटे।।



इसकी कृपा शोहरत मिली है,
मुरझाए मन की कली हर खिली है,
गिरने ना मुझको उसने दिया है,
मिला जख्म जो भी उसी ने सियाँ है,
अब चाहे गम जितने टूटे, पर दामन ना छुटे
महिमा निराली इसके धाम की,
मैं तो दीवानी अपने श्याम की
चाहे ज़माना रूठे पर ये लगन ना छूटे।।



श्याम को जो भी अपना बनाए, बेचैनी धीरज पाये।श्याम को जो भी गुणगान गाये,
रहे दूर उससे सदा दुःख की साये,
बनके दीवाना वो यश लुटे, बाकि लगे सब झूठे।
पूजा करू में खाटू धाम,
मैं तो दीवानी अपने श्याम की
चाहे ज़माना रूठे, पर ये लगन ना छूटे।

चाहे जमाना रूठे, पर ये लगन न छुटे,चाहे जमाना रूठे, पर ये लगन न छुटे,

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